TRI | India Rural Colloquy 2023

पलायन के बजाय झारखंड में ही रोजगार तलाशें युवा : हफीजुल हसन

Bhopal , 16 जुलाई . ‘क्षेत्रीय संगोष्ठी के रूप में मध्य प्रदेश रूरल कोलोक्वि का आयोजन Bhopal में 18 जुलाई को अटल बिहारी बाजपेयी सुशासन एवं नीति विश्लेषण संस्थान में किया जा रहा है. इस कोलोक्वि का उद्देश्य राज्य के सामुदायिक संगठनों और हितधारकों की आवाज़ और अंतर्दृष्टि को शामिल करना है, जिससे राज्य की ग्रामीण गरीबी और असमानता पर एक सार्थक चर्चा हो सके.

Bhopal में कोलोक्वि में राज्य के ग्रामीण पुनर्जागरण के संदर्भ और विषयों को पुनर्स्थापित करने का प्रयास किया जाएगा. इसमें ग्रामीण सामाजिक-आर्थिक परिवर्तनों, पर्यावरणीय चुनौतियों, युवा शक्ति, आर्थिक विकास, रोजगार सृजन एवं एक बेहतर और सुसंगत Madhya Pradesh के नव-निर्माण पर विमर्श किया जाएगा.

अटल बिहारी बाजपेयी सुशासन एवं नीति विश्लेषण संस्थान के सीनियर एडवाइजर मनोज कुमार जैन एवं ट्रांसफॉर्म रूरल इंडिया की राज्य प्रमुख नेहा गुप्ता ने Sunday को जानकारी देते हुए बताया कि कोलोक्वि के पहले सत्र में राज्य के ग्रामीण पुनर्जागरण पर एक विहंगम विमर्श, दूसरे सत्र में जलवायु अनुकूल ग्रामीण समृद्धि उच्च आय आजीविका मॉडल, तीसरे सत्र में युवा शक्ति के माध्यम से आत्मनिर्भर मध्य प्रदेश का निर्माण और चौथे सत्र में एक नवीन गाँव का उदय: सरकार और नागरिक हस्तक्षेप के द्वारा सुसंगत विकास विषय पर चर्चा होगी.

उन्होंने बताया कि राज्य में ग्रामीण समुदाय, विभिन्न प्रकार के सामाजिक-आर्थिक परिवर्तनों, पर्यावरण की चुनौतियां और तकनीकी प्रगति जैसे महत्वपूर्ण अवसरों और बदलावों से गुजर रहा है. समय-दर-समय ग्रामीण समुदायों के विकसित होने के साथ, इनकी आकांक्षाओं को समझने और उनके विकास को सहयोग प्रदान करने वाली रणनीतियों को बनाने की अत्यंत आवश्यकता दिख रही है. चर्चा के प्रथम सत्र में सामुदायिक आकांक्षाओं की अभिव्यक्ति और गाँवों की सही आवश्यकताओं पर परख ली जायेगी. जहाँ ग्रामीण समुदाय और शोधकर्ताओं से लेकर नीति निर्माताओं और परोपकारी संस्थाओं को ज्ञान के आदान-प्रदान, सहयोग को बढ़ावा देने और उचित कारवाई हेतु समुचित रणनीतियों को विकसित करने के लिए एक साथ लाने का प्रयास करेंगे. इस सत्र को दिल्ली की ‘ब्रैन्स्तेम’ संस्था के निदेशक अमजद, ग्रामीण समुदाय के चयनित परिवार के सदस्यों, पंचायती राज संस्थाओं के प्रतिनिधियों, महिला सामुदायिक संस्थाओं के प्रतिनिधियों को संबोधित करेंगे. इस सत्र की शुरुआती चर्चा में ग्रामीण नव-जागरण के सदर्भ में अटल बिहारी बाजपेयी सुशासन एवं नीति विश्लेषण संस्थान Bhopal के उपाध्यक्ष प्रो. सचिन चतुर्वेदी, पूर्व अपर मुख्य सचिव पंचायत एवं ग्रामीण विकास मनोज श्रीवास्तव, अपर मुख्य सचिव पंचायत एवं ग्रामीण विकास मलय श्रीवास्तव, सचिव सामान्य प्रशासन जीवी रश्मि और ट्रांसफॉर्म रूरल इंडिया के संस्थापक अनीश कुमार वक्तव्य देंगे.

जलवायु परिवर्तन, देशज छोटे किसानों की सामाजिक, सांस्कृतिक और आर्थिक उन्नति के लिए गंभीर खतरा पैदा करता है, जो अपने प्राकृतिक पारिस्थितिकी तंत्र से जटिल रूप से जुड़े हुए हैं. राज्य की एक बहुत बड़ी आबादी जलवायु संबंधी चुनौतियों का सामना करती है. इसका सबसे ज्यादा प्रभाव आदिवासियों और देशज समुदायों की आजीविका पर तो पड़ता ही है साथ ही सीमान्त किसानों को विशिष्ट जोखिमों का सामना करना पड़ता है. इस बातचीत में विचारक सीमान्त और लघु किसानों और स्थानीय समुदायों के लिए महत्वपूर्ण क्षेत्रों जैसे कृषि, वन, मत्स्य-पालन और प्राकृतिक संसाधनों पर जलवायु परिवर्तन के प्रभाव पर विचार-विमर्श करेंगे. दूसरे सत्र में विचारक स्थानीय आबादी के विशिष्ट ज्ञान, प्रथाओं और कमजोरियों पर विचार करते हुए उनकी जलवायु अनुकूलन आवश्यकताओं को प्राथमिकता देते हुए उच्च आजीविका संवर्धन की आवश्यक नीतियों और रणनीतियों पर भी चर्चा करेंगे. वन विभाग के एपीसीसीएफ़ डॉ दिलीप कुमार, सुशासन संस्थान से डॉ. सुपर्वा पटनायक, आईएमडी के वैज्ञानिक वी.पी.सिंह और अन्य सम्बन्धित विभागों के अधिकारी और विशिष्टजन उपस्थित रहेंगे.

मध्य प्रदेश की 20 मिलियन आबादी युवाओं की है. राज्य के युवाओं में अर्थ-व्यवस्था को आगे बढ़ाने की अपार क्षमता है. हालाँकि, उन्हें भौगौलिक, सामाजिक-आर्थिक और सांस्कृतिक कारकों से निर्मित संरचनात्मक बाधाओं का सामना करना पड़ता है. ऐसे सभी बिदुओं को तीसरे सत्र के दौरान साझा किया जाएगा. सरकार, उद्योग जगत के लोग, तकनीकी शिक्षा से सम्बंधित लोगों और युवाओं के साथ समाधान की रणनीतियों पर चर्चा की जाएगी और मध्य प्रदेश में इन संरचनात्मक बाधाओं को कम करने के उद्देश्य से स्थानीय समाधानों को प्रेरित करने के लिए एक रोडमैप तैयार किया जाएगा. इस सत्र के मुख्य वक्ता आयुक्त, सूक्ष्म लघु एवं मध्यम उद्यम पी. नरहरि होंगे.

चौथे सत्र में एक नवीन गाँव के अभ्युदय के सन्दर्भ में विस्तार से चर्चा कर समाज, सरकार और नागरिक हस्तक्षेप के द्वारा सुसंगत विकास के तरीकों पर रणनीतिक समाधानों को विस्तार दिया जाएगा. चर्चा में मुख्य रूप से सेवानिवृत आईएफएस चित्तरंजन त्यागी, सुशासन संस्थान से इंद्राणी बारपुजारी, अजीम प्रेमजी फाउंडेशन से आकृति गुप्ता, एसपीए से रमा पाण्डेय, ग्रामीण आजीविका मिशन के अतिरिक्त मुख्य कार्यपालन अधिकारी संजीव सिन्हा और समर्थन संस्था के निदेशक डॉ. योगेश कुमार शामिल होंगे.

उल्लेखनीय है कि ‘इंडिया रूरल कोलोक्वि’ भारत में ग्रामीण गरीबी और असमानता की प्रमुख विकास की चुनौतियों को हल करने के लिए समर्पित मुद्दों पर अंतर-विषयक संवाद और व्यावहारिक विचार-विमर्श के लिए एक अनूठा मंच है. इसका उद्देश्य ग्रामीण भारत की गंभीर सामाजिक-आर्थिक चुनौतियों का समाधान करने के लिए एक वैचारिक विमर्श और परस्पर सहयोग को बढ़ावा देना है. साथ ही, इन चुनौतियों के निराकरण के लिए विभिन्न प्रकार के समुचित प्रयासों पर एक अंतर्दृष्टि तथा एक रणनीतिक हस्तक्षेप प्रकट करना है. ‘इंडिया रूरल कोलोक्वि’ हर वर्ष 1-8 अगस्त को किया जाता है . इसे अगस्त महीने में करने का उद्देश्य यह है कि हम ऐतिहासिक रूप से विख्यात ‘भारत छोड़ो आंदोलन (अगस्त क्रांति) का स्मरण करें. इस महत्वपूर्ण दिवस जिसने स्वतंत्रता और सम्मान की खोज में सभी भारतीयों के लिए इच्छाशक्ति और एक दृढ़संकल्प का एक निर्णायक क्षण चिह्नित किया था, को याद करते हुए पूरे भारत के विचारक, नीति निर्माता, वरिष्ठ सामाजिक कार्यकर्ता, सामाजिक-आर्थिक बदलाव में संलग्न सभी तरह के लोग, एक उत्सव के रूप में ‘इंडिया रूरल कोलोक्वि’ का संयुक्त आयोजन करें. आठ दिनों तक चलने वाला और 25 से अधिक सत्रों वाला यह विकास संवाद, विकास अभ्यासकर्ताओं, नीति निर्माताओं, विकास प्रशासकों और समाजसेवियों को एक संयुक्त और विशिष्ट सभा तथा एक वृहत मंच प्रदान करता है.

Source: Udaipur Kiran