नीट/जेईई उत्तीर्ण 11 आदिवासी छात्राओं को किया गया सम्मानित
रांची, 18 जुलाई (हि.स.)। ट्रांसफॉर्म रूरल इंडिया और एक्सआईएसएस ने ‘इंडियन रूरल कोलोक्यू’ का आयोजन किया। यह राष्ट्रीय स्तर का आयोजन ग्रामीण विकास के विभिन्न पहलुओं पर चर्चा करने के लिए किया गया। इसका उद्घाटन मंगलवार को एक्साइसेस संस्थान के कैंपस में अंतरराष्ट्रीय मंडेला दिवस के उपलक्ष्य पर किया गया है।
‘इंडियन रूरल कोलोक्यू’ में राज्य सरकार के प्रतिनिधि, शासन के पदाधिकारी, शिक्षाविद, सीएसओ (सिविल सोसाइटी ऑर्गेनाइजेशन) प्रतिनिधि, कॉर्पोरेट जगत के प्रतिनिधि और छात्रों ने ग्रामीण नवजागरण के विषय पर केंद्रित व्यावहारिक चर्चाओं में भाग लिया है। यह आयोजन ग्रामीण समुदायों को सशक्त बनाने, नीति के लिए अधिक महत्व देने, निवेशों को प्रोत्साहित करने और गांवों में समानता और जीवनशक्ति को बढ़ावा देने के उद्देश्य से किया गया है।
‘इंडियन रूरल कोलोक्यू’ में राज्य सरकार के प्रतिनिधि, शासन के पदाधिकारी, शिक्षाविद, सीएसओ (सिविल सोसाइटी ऑर्गेनाइजेशन) प्रतिनिधि, कॉर्पोरेट जगत के प्रतिनिधि और छात्रों ने ग्रामीण नवजागरण के विषय पर केंद्रित व्यावहारिक चर्चाओं में भाग लिया है। यह आयोजन ग्रामीण समुदायों को सशक्त बनाने, नीति के लिए अधिक महत्व देने, निवेशों को प्रोत्साहित करने और गांवों में समानता और जीवनशक्ति को बढ़ावा देने के उद्देश्य से किया गया है।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि पर्यटन, कला और संस्कृति, खेल और युवा कार्य विभाग के मंत्री हफीजुल हसन ने युवाओं के लिए राज्य में अवसर सृजित करने की आवश्यकता पर जोर दिया, उन्हें रोजगार की तलाश में प्रवास करने की बजाय अपने राज्य में उपलब्ध संभावनाओं को तलाशने का कहा। मंत्री ने झारखंड में युवाओं में छुपी हुई क्षमता को और राज्य सरकार की पहल जैसे राज्य में कौशल विकास, रोजगार सृजन और उद्यमिता के लिए मार्ग सृजन विषय पर अपने विचार व्यक्त किये। उन्होंने कहा की विश्वविद्यालय को ग्रामीण युवाओं की आवश्यकताओं के अनुरूप मानव संसाधन विकास कार्यक्रम और व्यावसायिक प्रशिक्षण कार्यक्रम प्रदान किया जा रहा है।
हफीजुल हसन ने कहा कि राज्य सरकार योजना के तहत किशोरियों को शिक्षा से जोड़ते हुए उन्हें आत्मनिर्भर बनाने के प्रयास में कर रही है। खूंटी जिले की 11 ग्रामीण आदिवासी छात्राओं को जीईई और एनईईटी परीक्षा में उत्तीर्ण होने पर सम्मानित किया गया। छात्राओं को लैपटॉप देकर माननीय मंत्री ने प्रोत्साहित किया।
झारखंड में पर्यावरण संरचित खेती को बढ़ावा मिलेगा
हफीजुल हसन ने कहा कि आगामी तीन वर्षों में भारत स्वास्थ्य निधि के रूप में 200 करोड़ रुपये की घोषणा की गई है। ऐसे निजी अस्पतालों को सहायता प्रदान की जाएगी, जो कैंसर और गैर संचारजन्य रोगों की उभरती हुई चुनौतियों के खिलाफ लड़ाई में उनकी चिकित्सा नीतियों, सर्जिकल कौशल और डिजिटल पैथोलॉजी इकाइयों को बढ़ाने में मददगार हो। इस योजना का प्रारंभ पांच निजी अस्पतालों में किया जाएगा।
झारखंड में पर्यावरण संरचित खेती को बढ़ावा मिलेगा टीआरआईएफ और इंटलीकैप के बीच पलामू और रांची में पर्यावरण संरचित कृषि के लिए वित्तीय साझेदारी की भी घोषणा हुई है। झारखंड सरकार के द्वारा क्लाइमेट स्मार्ट एग्रीकल्चर को बढ़ावा देने के लिए 2000 करोड़ की योजना कार्यान्वित की जा रही है, जिनमें मुख्य रूप से प्रधानमत्री कृषि सिंचाई योजना, झारखंड मिलेट मिशन, कृषि उपकरण केंद्रों के लिए लोन, मुख्यमंत्री पशुधन योजना, प्रधान मंत्री मत्स्य सम्पदा योजना, इत्यादि शामिल हैं।
Source:Varanasi todayA grassroots foundation, deeply focused on challenges faced by marginalized communities and in particular of women in the bottom 100,000 villages of India. We bring a deep knowledge and an inventory of working solutions for stranded India and mechanisms for scaling-up those solutions.